नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको बताऊंगा बिटकॉइन माइनिंग क्या होता है क्या होता है और बिटकॉइन माइनिंग कैसे कर सकते हैं. बिटकॉइन जब बनता है उसे हम माइनिंग या मीटिंग कहते हैं. बिटकॉइन माइनिंग से नए बिटकॉइन बनते हैं. बिटकॉइन एक मुश्किल कंप्यूटर एल्गोरिदम से बनता है.
तो यह है इतना आसान नहीं है बिटकॉइन माइनिंग कि जैसे आपने पेपर लगा दिया और प्रिंटर से प्रिंटिंग पैसे छाप रहे हैं ऐसा कुछ नहीं है. कंप्यूटर से बिटकॉइन माइनिंग करे जा सकते हैं.
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बिटकॉइन में सबसे पहले जरूरी होता है हार्डवेयर. कई सारे हार्डवेयर अगर आप बिटकॉइन माइनिंग पर लगा दोगे तो सुनने से सुनने आपको बिटकॉइन शायद मिल जाए अगर आपका एल्गोरिदम सही है तो. हर किसी समय में 10 से लेकर 25000 बंदे बिटकॉइन माइनिंग रहते हैं हर वक्त और मुश्किल से पांच को एक बिटकॉइन जेनरेट कर सकने की खुशी मिलती है. तो यह आप मान लीजिए एक प्रकार की लॉटरी प्रोसेस होता है. जब हम ब्लॉक माइन करते हैं तो हमें एक न्यू बिटकॉइन मिलता है ठीक उसी तरह जैसे कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पैसे छपता है तो उसे पैसे नए बन जाते हैं उसी तरह बिटकॉइन से अगर हम ब्लॉक माइन से माइन चेक करें तो 1 बिटकॉइन हमें मिल सकता है. बिटकॉइन कितने बन सकते हैं यह लोगों पर डिपेंड करता है. बिटकॉइन सॉफ्टवेयर रन करना पड़ता है बिटकॉइन नए बनाने के लिए. 2016 से लेकर 2018 तक करीब 600 बिटकॉइन हर रोज बनते हैं.
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